pankhuriya

Ek silsile ki ummeed thi

Ek silsile ki ummeed thi unse
Wohi faasle badhaate gaye
Hum to paas aane ki koshish mein the
Na jaane kyun woh humse dooriyan badhaate gaye.



About Brijesh Kumar Saini

हेलो, दोस्तो मेरा नाम ब्रजेश कुमार सैनी है। मुझे नये दोस्त बनाना मेरा शौक है। मुझे शायरी, मैसेज और नये-नये जोक्स का संग्रह करने का शौक है। मेरे एक मित्र राजेन्द्र सिंह ने मुझे सुझाव दिया कि क्यों न मै एक ब्लॉग बना लूं और वहां पर मेरे साथ अन्य लोग भी लाभान्वित होगें। यहीं से Friends Message सिलसिला शुरू हो गया। मै आशा करता हूं कि आपको मेरा प्रयास पसंद आयेगा। यदि आपके पास कोई सुझाव है आप मुझे कमेन्ट के माध्यम से दे सकते है।
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